क्यूँ हमसे ही दूर लिए जाती है ये चाहत हमें
क्या जाने कहाँ लिए जाती है ये चाहत हमें
यूं जाने की वजह तो कोई नहीं
यूं ही वक्त बेवक्त आकर
सता ही लेती है ये चाहत हमें .
_________________________
No comments:
Post a Comment